नवरात्रि का त्यौहार एक ऐसा त्यौहार है जो पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है हर दिन मां दुर्गा के एक नए स्वरूप की पूजा की जाती है नवरात्रि के इस शुभ अवसर को याद करने के लिए शायरी का होना तो बहुत जरूरी होता है तो इसलिए हम यहां पर आपको Navratri Shayari in Hindi के बारे में जानकारी देंगे और आपको नवरात्रि के अलग-अलग नौ दिनों के लिए अलग अलग शायरी देंगे।
नवरात्रि शायरी नवरात्रि के इस अवसर पर माता रानी की भक्ति और श्रद्धा को व्यक्त करने के लिए एक अच्छा मध्य है नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा की जाती है और लोग अपने करीबी और दोस्तों को नवरात्रि की शुभकामनाएं देते है खास कर लोग व्हाट्सएप पर Navratri Shayari के माध्यम से शुभकामनाएं देते हैं तो चलिए मै आपको भी ऐसे कुछ Navratri Shayari बताता हूं जिसके द्वारा आप भी लोगों को शुभकामनाएं दे पाएंगे।
नवरात्रि के सबसे पहले दिन जिसे पहलथापना भी कहा जाता है इस दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है यह पर्वत राज हिमालय की पुत्री और शक्ति का प्रथम रूप मानी जाती है इनकी आराधना करने से जीवन में स्थिरता, शक्ति और शांति बनी रहती है सभी भक्ति नवरात्रि की शुरुआत मां शैलपुत्री की आराधना से करते हैं चलिए हम इनसे संबंधित कुछ शायरी जान लेते हैं जिसके द्वारा आप नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री को नमन कर सकते हैं।
“माँ शैलपुत्री का रूप है अनुपम,
भक्तों के जीवन को करती है हरदम सुखम,
पहले दिन जिनकी पूजा की जाती है,
उनकी कृपा से हर विपदा टल जाती है।”
“नवरात्रि का पहला दिन है खास,
माँ शैलपुत्री से मिलता है विश्वास,
जो करे सच्चे मन से इनकी भक्ति,
जीवन से दूर हो जाती है हर विपत्ति।”
“पर्वतराज हिमालय की बिटिया प्यारी,
माँ शैलपुत्री करती हैं रक्षा हमारी,
उनके चरणों में जो शीश झुकाता है,
भक्ति का फल तुरंत ही पाता है।”
“माँ का नाम जपने से हर कष्ट मिटे,
भक्त के जीवन में सुख-शांति खिले,
पहले दिन जो करे माँ शैलपुत्री का ध्यान,
उसका जीवन बन जाए महान।”
“माँ शैलपुत्री का व्रत है पावन,
उनकी कृपा से भक्त बनते सावन,
भक्ति का दीप जले हर घर-आंगन,
माँ का नाम ही है सबसे अमन।”
“पहले दिन की आराधना से मन पवित्र हो जाए,
भक्त के हृदय में भक्ति का दीप जल जाए,
माँ शैलपुत्री के आशीष से जीवन खिले,
हर संकट से भक्त सहज ही मिले।”
“नवरात्रि की शुरुआत माँ के नाम से,
मिटते हैं दुख सारे उनके काम से,
जो शरण में आए शैलपुत्री माता की,
जीवन भर खुशियाँ मिलती है साधना की।”
“माँ शैलपुत्री पर्वत की शक्ति का रूप,
भक्तों को देती हैं साहस और स्वरूप,
जो करे सच्चे मन से इनका पूजन,
माँ देती है उसे दिव्य जीवन।”
“पहले दिन माँ को करें प्रणाम,
उनकी कृपा से मिले सुख-धाम,
भक्ति का दीपक हर मन में जलाओ,
माँ शैलपुत्री का नाम सदा गुनगुनाओ।”
“नवरात्रि का पहला दिन है सुहाना,
माँ शैलपुत्री देती हैं जीवन को ठिकाना,
भक्ति भाव से जो भी इन्हें पुकारे,
उसके जीवन से दुख सारे भागे।”
यदि हम बात करें नवरात्रि के दूसरे दिन की तो इस दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है इनको तपस्या, संयम और भक्ति का प्रतीक माना जाता है कहा जाता है की मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से जीवन में वैराग्य, शांति और तप की शक्ति प्राप्त होती है जिससे भक्त अपने कठिन समय में भी धैर्य और साहस से कार्य कर पता है तो चलिए हम इनसे संबंधित कुछ शायरी जान लेते हैं जिसके द्वारा आप नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को नमन कर सकते हैं।
“माँ ब्रह्मचारिणी का रूप है अद्भुत,
भक्तों को देती हैं साधना का सुखद,
तपस्या से जिसने माँ को पाया है,
उसने जीवन में सत्य अपनाया है।”
“नवरात्रि का दूसरा दिन है पावन,
माँ ब्रह्मचारिणी करतीं जीवन सावन,
संयम और भक्ति का देतीं संदेश,
उनकी पूजा से मिटे जीवन का क्लेश।”
“माँ ब्रह्मचारिणी धैर्य की मूरत,
भक्ति से भर देतीं जीवन की सूरत,
जो भी साधक करे माँ का ध्यान,
उसके जीवन से दूर हो अवसान।”
“संयम की शक्ति है इनका वरदान,
भक्ति से भर देतीं हर इंसान,
माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा से मिलती है,
सत्य की राह और साधना की विधि।”
“तप की देवी माँ ब्रह्मचारिणी,
करती हैं भक्तों की जिंदगी सुहानी,
नवरात्रि का दूसरा दिन जिनके नाम,
उनकी कृपा से मिटे सब गम।”
“माँ का ध्यान करने से मन शांत हो जाए,
भक्ति की ज्योति हर दिल में जल जाए,
माँ ब्रह्मचारिणी देतीं हैं तप का वरदान,
उनकी कृपा से जीवन बने महान।”
“नवरात्रि का दूसरा दिन है निराला,
माँ ब्रह्मचारिणी का रूप है उजाला,
उनके व्रत से जीवन सुधर जाता है,
हर भक्त का मन पावन हो जाता है।”
“माँ ब्रह्मचारिणी की भक्ति अनोखी,
साधना से मिटा देतीं दुख की धोखी,
भक्ति में लीन हो जो साधक बने,
माँ की कृपा से वह सफल बने।”
“संयम और साधना की देवी माता,
भक्तों को देतीं हैं शक्ति अनगिनता,
उनके चरणों में जो शीश झुकाता है,
भक्ति का आनंद वह पाता है।”
“नवरात्रि के दूसरे दिन जो माँ को मनाए,
भक्ति और शांति से जीवन सजाए,
माँ ब्रह्मचारिणी की कृपा से हरदम,
सफल होता है हर शुभ कर्म।”
नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाती है इनके मस्तक पर अर्धचंद्र घंटा के आकार में दिखाई पड़ते हैं इसलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है मां चंद्रघंटा की आराधना करने से भय , कस्ट और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है जिससे जीवन में साहस और शांति की प्राप्ति होती है तो चलिए हम मां चंद्रघंटा से संबंधित कुछ शायरी जान लेते हैं ताकि आप नवरात्रि के तीसरे दिन भी मां चंद्रघंटा को इन शायरी के द्वारा याद कर सके।
“माँ चंद्रघंटा का रूप है दिव्य,
भक्तों को देतीं शक्ति और सद्गुण,
तीसरे दिन जो करता है पूजा,
माँ मिटा देतीं उसके दुख का बोझा।”
“माँ चंद्रघंटा की आराधना निराली,
उनकी कृपा से जीवन हो खुशहाली,
जो भी करे भक्ति मन लगाकर,
माँ देतीं सुख उसका जीवन संवारकर।”
“सिंह पर सवार माँ का है रूप,
भक्तों को देतीं साहस का स्वरूप,
तीसरे दिन जिनकी होती है आराधना,
उनसे मिलता है जीवन का साधना।”
“माँ चंद्रघंटा की पूजा से भय दूर हो जाए,
भक्ति का दीप हर दिल में जल जाए,
उनकी कृपा से मिलता है बल,
जीवन हो जाए भक्तों का सफल।”
“माँ चंद्रघंटा शांति की मूरत,
भक्तों को देतीं पावन सूरत,
भक्ति और साहस का वरदान,
उनकी पूजा से मिलता सम्मान।”
“तीसरे दिन माँ का रूप है जगमगाता,
भक्तों का जीवन मंगलमय बनाता,
सिंहवाहिनी माँ का जयकारा,
देतीं हैं सुख और आशीर्वाद सारा।”
“माँ के नाम से मिटे सब अंधकार,
भक्ति से भक्त का जीवन हो उज्ज्वल,
माँ चंद्रघंटा की पूजा से हरदम,
मिले सुख-शांति और भक्ति का करम।”
“नवरात्रि का तीसरा दिन है महान,
माँ चंद्रघंटा देतीं साहस अपार,
उनके आशीष से जीवन संवरता है,
हर मन भक्तिमय बन जाता है।”
“माँ चंद्रघंटा का आशीष अनमोल,
भक्त के जीवन को बना दे अनुकूल,
सच्चे मन से जो करे उनका ध्यान,
माँ देतीं उसे सुख-समृद्धि और सम्मान।”
“भक्ति में लीन जो भी भक्त बने,
माँ चंद्रघंटा उसकी रक्षा करें,
तीसरे दिन की पूजा है खास,
माँ देतीं जीवन को सही विश्वास।”
नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के एक और स्वरूप माता कुष्मांडा की पूजा की जाती है माना जाता है कि इस ब्रह्मांड की उत्पत्ति मां कुष्मांडा की दिव्य शक्ति से हुई है उनकी भक्ति करने से आरोग्य, सुख और ऊर्जा की प्राप्ति होती है मां कुष्मांडा को अष्टभुजा देवी के नाम से भी जाना जाता है तो चलिए हम इनसे संबंधित भी कुछ Navratri Shayari in Hindi के बारे में जान लेते हैं ताकि नवरात्र के चौथे दिन भी आप शायरी के माध्यम से मां कुष्मांडा को नमन कर सके।
“माँ कूष्मांडा का रूप है जगत प्रकाश,
उनकी भक्ति से मिटे हर संदेह और त्रास,
ब्रह्मांड की रचयिता हैं शक्ति अपार,
भक्तों के जीवन को करतीं संवार।”
“माँ कूष्मांडा की महिमा अपरंपार,
उनके चरणों में मिटे दुख हजार,
सच्चे मन से जो करे आराधना,
माँ भर देतीं जीवन में साधना।”
“माँ कूष्मांडा का स्मरण शुभकारी,
भक्तों की रक्षा करतीं हर बारी,
नवरात्रि का चौथा दिन है खास,
भक्तों पर बरसता माँ का विश्वास।”
“अष्टभुजा माँ देतीं शक्ति अनंत,
उनकी कृपा से जीवन बने संत,
भक्ति से मिलता है सुख और सम्मान,
माँ का नाम जपे हर इंसान।”
“माँ कूष्मांडा की आरती गाओ,
भक्ति में मन को पवित्र बनाओ,
उनकी कृपा से मिटे दुख सारा,
माँ देतीं आशीष अपार हमारा।”
“नवरात्रि का चौथा दिन है पावन,
माँ की भक्ति से जीवन सावन,
कृपा से उनकी भरते हैं दिल,
भक्तों को मिलते हैं सुख और शांति सिलसिल।”
“माँ कूष्मांडा की शक्ति निराली,
भक्तों की करतीं जीवन खुशहाली,
भक्ति से उनके हर दुख मिटे,
माँ की कृपा से हर सुख मिले।”
“ब्रह्मांड की जननी हैं माँ कूष्मांडा,
उनकी महिमा गाए हर बंदा,
जो भी उनका नाम जप करता है,
वह जीवन में सफल होता है।”
“नवरात्रि का चौथा दिन है खास,
माँ कूष्मांडा करतीं हर कार्य सफल पास,
उनकी भक्ति से जीवन सजे,
भक्तों के दिल में आशा जगे।”
“माँ कूष्मांडा का रूप है दिव्य प्रकाश,
उनकी भक्ति से मिटे हर उपद्रव और त्रास,
भक्ति का दीपक जलाओ हरदम,
माँ की कृपा से बनो सुखमय जीवन।”
नवरात्रि के पांचवें दिन मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है यह भगवान कार्तिकेय की माता है मां स्कंदमाता की पूजा करने से जीवन में शांति, वैराग्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है जब यह अपने गोद में भगवान कार्तिकेय ( स्कंद ) को लिए हुए होती है तो इनका स्वरूप ममता और शक्ति से भरा हुआ होता है चलिए हम इनसे संबंधित भी कुछ नवरात्रि शायरी जान लेते हैं।
“माँ स्कंदमाता ममता की मूरत,
भक्तों को देतीं सुख-शांति की सूरत,
पाँचवे दिन जिनकी होती है आराधना,
उनसे मिलता है मोक्ष और साधना।”
“गोद में स्कंद लिए माँ विराजतीं,
भक्तों के जीवन को खुशहाल बनातीं,
माँ स्कंदमाता का जयकारा लगाओ,
भक्ति में जीवन सफल बनाओ।”
“पाँचवे दिन की पूजा है खास,
माँ स्कंदमाता करतीं रक्षा हर पास,
उनके नाम से जीवन खिले,
भक्तों के दिल में श्रद्धा मिले।”
“माँ की ममता अपार है,
भक्तों को देतीं सुख-संसार है,
माँ स्कंदमाता का ध्यान जो लगाए,
जीवन से हर दुख दूर हो जाए।”
“माँ स्कंदमाता कृपा स्वरूप,
भक्तों के जीवन की करतीं धूप,
उनकी भक्ति से मिले सुख अपार,
जीवन बने भक्तों का साकार।”
“माँ स्कंदमाता का रूप है सुंदर,
उनकी भक्ति से जीवन बने निष्कलंक,
जो भी करे माँ का ध्यान,
उसका जीवन हो जाए महान।”
“नवरात्रि का पाँचवा दिन है पावन,
माँ स्कंदमाता करतीं जीवन सावन,
भक्ति से उनके हर दुख मिटे,
माँ की कृपा से सुख अपार मिले।”
“माँ स्कंदमाता का आशीष अनमोल,
भक्तों को देतीं जीवन अनुकूल,
उनकी पूजा से हर गम मिट जाए,
जीवन में भक्ति का दीप जल जाए।”
“ममता और शक्ति का है संगम,
माँ स्कंदमाता का पूजन हरदम,
उनकी कृपा से मिलता है बल,
जीवन हो जाता है सफल।”
“माँ स्कंदमाता की भक्ति है पावन,
उनके नाम से जग हो सावन,
भक्तों के दिल में भक्ति जगे,
माँ का आशीष जीवन सजे।”
नवरात्रि के छठवें दिन में मां दुर्गा की कात्यायनी स्वरूप की पूजा की जाती है इन्हें महाशक्ति का प्रतीक और दुष्ट शक्तियों का नाश करने वाली देवी के रूप में जाना जाता है जो अविवाहित कन्याएं होती है वह उत्तम पति के प्रति के लिए इनकी आराधना करती हैं मां कात्यायनी की पूजा करना साहस, विजय और धर्म की रक्षा का प्रतीक माना जाता है तो चलिए हम इनसे संबंधित भी कुछ शायरी जान लेते हैं।
“माँ कात्यायनी का रूप है बलशाली,
भक्तों को देतीं जीवन खुशहाली,
छठे दिन जिनकी होती है आराधना,
उनसे मिलता है साहस और साधना।”
“माँ कात्यायनी वीरता की देवी,
भक्तों को देतीं शक्ति अनंत,
उनकी कृपा से जीवन संवरता है,
भक्ति से हर दुख दूर होता है।”
“माँ कात्यायनी का नाम जो जपता है,
उसके जीवन में सुख भरता है,
सच्चे मन से जो करे आराधना,
माँ देतीं जीवन को साधना।”
“छठे दिन की पूजा है महान,
माँ कात्यायनी देतीं बल अपार,
उनकी भक्ति से मिलता है साहस,
जीवन हो जाता है मंगलमय खास।”
“माँ का रूप है अद्भुत और निराला,
उनकी कृपा से जीवन हो उजाला,
साहस और बल की देतीं सौगात,
भक्तों के जीवन में भरतीं प्रभात।”
“नवरात्रि का छठा दिन है खास,
माँ कात्यायनी करतीं हर गम का नाश,
उनकी पूजा से मिलती है शक्ति,
भक्त के जीवन में आती है भक्ति।”
“माँ कात्यायनी का आशीष अपार,
भक्तों को देतीं सुख-संसार,
जो भी मन से उनका ध्यान लगाता है,
वह जीवन में विजय पाता है।”
“साहस और बल की देवी माँ,
भक्तों की करतीं रक्षा हर क्षण,
उनके नाम से मिटते दुख सारे,
माँ देतीं सुख अनगिनत प्यारे।”
“नवरात्रि के छठे दिन करें माँ का स्मरण,
उनकी भक्ति से जीवन बने सुगम,
माँ कात्यायनी की पूजा से हरदम,
मिले भक्तों को सुख और अमन।”
“माँ कात्यायनी की शक्ति निराली,
भक्तों के जीवन में भरती खुशहाली,
उनके आशीष से जीवन खिले,
भक्ति से हर सुख मन मिले।”
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नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है माता दुर्गा का यह स्वरूप अंधकार और दुष्ट शक्तियों का नाश करने वाला स्वरूप माना जाता है कहा जाता है की भयंकर रूप में भी मां अपने भक्तों की रक्षा करती है और उन्हें निर्भय बनती हैं सातवें दिन की पूजा से भय और कष्ट दूर होते हैं तो चलिए हम सातवें दिन के लिए भी Navratri Shayari in Hindi को जान लेते हैं।
“माँ कालरात्रि का रूप है भयंकर,
भक्तों को करतीं सदा ही निर्भय अंतर,
सातवें दिन उनकी पूजा जो करे,
जीवन में वह भयमुक्त रहे।”
“अंधकार का नाश करतीं माँ कालरात्रि,
भक्तों को देतीं शक्ति और समृद्धि,
भक्ति से उनके जब जुड़ता मन,
हर दुख से मिलता है छुटकारा अनंत।”
“माँ कालरात्रि की महिमा है महान,
उनके आशीष से मिटे हर अपमान,
जो भी करे सच्चे मन से आराधना,
माँ देतीं जीवन को साधना।”
“भयंकर रूप में भी हैं कृपा स्वरूपा,
भक्तों को देतीं सुख और धूपा,
माँ कालरात्रि का स्मरण जो करे,
उसका जीवन भयमुक्त रहे।”
“नवरात्रि का सातवाँ दिन है खास,
माँ कालरात्रि करतीं हर गम का नाश,
उनकी भक्ति से मिलता है बल,
जीवन हो जाता है सफल।”
“माँ कालरात्रि का जयकारा लगाओ,
भक्ति की शक्ति से जीवन सजाओ,
भय और कष्ट सब दूर हो जाए,
माँ की कृपा से सुख मिल जाए।”
“सिंह पर सवार माँ का रूप निराला,
अंधकार मिटाकर देतीं उजाला,
भक्तों को देतीं शक्ति अपार,
उनका नाम है जीवन का आधार।”
“भयमुक्त हो जाता हर इंसान,
जो भी करता है माँ का ध्यान,
माँ कालरात्रि देतीं कृपा अपार,
भक्त का जीवन बने सुख-संसार।”
“माँ कालरात्रि का आशीष पाकर,
भक्त बनते हैं निर्भय और धीरजवाले,
उनकी पूजा से मिटता है क्लेश,
जीवन हो जाता है सुखमय विशेष।”
“नवरात्रि का सातवाँ दिन है पावन,
माँ की कृपा से जीवन हो सावन,
माँ कालरात्रि का नाम गाओ,
भक्ति में मन को डूबाओ।”
नवरात्रि के आठवें दिन पूरे भारत में मां दुर्गा के महागौरी रूप की पूजा की जाती है इनका रंग एकदम श्वेत होता है और इन्हें सौंदर्य, शांति और करुणा की देवी कहा जाता है माना जाता है कि यदि आपने कोई पाप की है तो आपको महागौरी की पूजा करनी चाहिए क्योंकि माता महागौरी की पूजा से पाप मिट जाते हैं और जीवन शुद्ध हो जाता है तो चली हम इनसे संबंधित भी कुछ नवरात्रि शायरी जान लेते हैं।
“माँ महागौरी का रूप है उज्ज्वल,
भक्तों के जीवन को करतीं सफल,
आठवें दिन जो करे पूजा सच्चे मन से,
माँ देतीं सुख हर जन से।”
“सफेद वस्त्रों में माँ का रूप निराला,
भक्तों के जीवन में भरती उजाला,
उनकी कृपा से पाप मिट जाए,
भक्ति का दीप हर दिल में जल जाए।”
“माँ महागौरी की महिमा है अनोखी,
भक्तों को देतीं शांति की रोशनी,
भक्ति में जो भी मन लगाए,
माँ की कृपा से सुख पाए।”
“आठवें दिन की पूजा है खास,
माँ महागौरी करतीं हर दुख का नाश,
उनकी भक्ति से जीवन सजे,
भक्तों के दिल में आशा जगे।”
“करुणा और शांति का स्वरूप है माँ,
भक्तों की रक्षा करतीं हर क्षण,
माँ महागौरी का नाम जपने से,
जीवन हो जाता है सरल।”
“माँ महागौरी का आशीष पाकर,
भक्त का जीवन हो जाए उज्जवल,
भक्ति से मिलता है सुख अपार,
माँ का नाम है सबसे दुलार।”
“नवरात्रि का आठवाँ दिन है पावन,
माँ की कृपा से जीवन हो सावन,
माँ महागौरी का स्मरण करो,
भक्ति से मन को निर्मल करो।”
“माँ महागौरी की भक्ति निराली,
भक्तों की करतीं जीवन खुशहाली,
उनकी पूजा से मिलता है ज्ञान,
जीवन हो जाता है महान।”
“श्वेत रूप में माँ महागौरी विराजतीं,
भक्तों के दुख हर पल हरतीं,
सच्चे मन से जो करे ध्यान,
माँ देतीं उसे प्रेम और सम्मान।”
“आठवें दिन माँ को जो याद करता है,
उसके जीवन से दुख हटता है,
माँ महागौरी की कृपा से हरदम,
भक्त को मिलता सुख अनंत।”
नवरात्रि के नौवें व अंतिम दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा की जाती है इन्हें सभी सिद्धियों की दात्री कहा जाता है और भक्तों की मनोकामना पूर्ण करने वाली देवी कहा जाता है मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से भक्ति को ज्ञान, वैराग्य और शांति की प्राप्ति होती है यहां हमने कुछ Navratri Shayari in Hindi दी है जिसके द्वारा आप नवरात्रि के नौवे दिन मां सिद्धिदात्री को नमन कर सकते हैं।
“माँ सिद्धिदात्री का रूप है अनमोल,
भक्तों को देतीं सिद्धि और बोल,
नवें दिन उनकी पूजा जो करे,
उसका जीवन सफल रहे।”
“माँ सिद्धिदात्री की महिमा है महान,
उनके आशीष से मिलता सम्मान,
सच्चे मन से जो करे ध्यान,
माँ देतीं सुख हर इंसान।”
“सिद्धि और शक्ति की देवी माँ,
भक्तों को देतीं कृपा हर क्षण,
उनके चरणों में जो शीश झुकाता है,
वह जीवन में सुख पाता है।”
“नवरात्रि का नवां दिन है पावन,
माँ की कृपा से जीवन हो सावन,
भक्ति से उनके मन को सजाओ,
माँ का नाम सदा गुनगुनाओ।”
“माँ सिद्धिदात्री देतीं ज्ञान अपार,
उनके चरणों में है सुख-संसार,
भक्ति से मिलता है हर वरदान,
माँ का नाम है जीवन का सम्मान।”
“नवरात्रि के नवें दिन माँ का पूजन,
देतीं है सुख और साधना का जीवन,
सिद्धिदात्री की कृपा से हरदम,
भक्त को मिलता है सुख अनंत।”
“माँ सिद्धिदात्री का आशीष अनमोल,
भक्तों को करतीं जीवन अनुकूल,
उनकी भक्ति से दुख मिट जाए,
जीवन में खुशियों का दीप जल जाए।”
“सिद्धियों की दात्री माँ का स्मरण करो,
भक्ति से जीवन को उज्जवल करो,
उनकी कृपा से मिले सुख-संसार,
भक्तों का जीवन बने खुशहाल।”
“माँ सिद्धिदात्री की भक्ति निराली,
भक्तों के जीवन में भरती खुशहाली,
उनका नाम जपने से हरदम,
जीवन हो जाता है सफलतम।”
“नवरात्रि का नवां दिन है महान,
माँ सिद्धिदात्री करतीं कृपा अपार,
उनकी पूजा से मिलता है बल,
जीवन हो जाता है सफल।”
निष्कर्ष : पाठकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
आज की भक्ति शायरी के इस लेख में मैंने आप सभी को Navratri Shayari in Hindi के बारे में जानकारी दी और नवरात्रि के नव अलग-अलग दिनों के लिए अलग-अलग शायरी दी जिसके द्वारा मां दुर्गा के 9 अलग अलग स्वरूप थी पूजा वह आराधना कर सकते हैं यदि आपके यहां पर दी गई शायरी अच्छी लगी तो आप इसलिए को अपने दोस्तों तक जरूर शेयर करें ताकि उन्हें भी इस शायरी के बारे में पता चल सके।